शराबी निलंबित अधीक्षक पर जनजाति विभाग के सहायक आयुक्त मेहरवान….?
लहगडूआ में अधीक्षक रहते छात्रावास में शराब एंव मटन पार्टी करते हुए सोशल मीडिया में वीडियो हुआ था वायरल..
छिंदवाड़ा (चौथा स्तंभ) जिलें के जनजाति विभाग के सहायक आयुक्त इन दिनों शराबी अधीक्षक पर मेहरबान देख रहे है, क्योंकि लहगडूआ अधीक्षक अनिल सोंलकी का एक शराब एवं मटन पार्टी करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके जनजाति विभाग छिंदवाड़ा के सहायक आयुक्त मरकाम ने उन्हें तुरंत निलंबित करते हुए 25 जुलाई को अमरवाड़ा के लहगडूआ बालक छात्रावास से हटाकर तामिया ब्लॉक में भेजा गया था, लेकिन शराबी अधीक्षक ने नेताओं के चरण वंदन करके एवं जिलें में बैठे सहायक आयुक्त से मिलीभगत करके पुनः सोनपुर का अधीक्षक बन बैठे…

छिंदवाड़ा के जनजाति कर विभाग में नहीं चलता नियम कानून…
जिलें के जनजाति विभाग में इन दिनों सरकार के द्वारा बनाए गए नियम कानून नहीं चलते है, क्योंकि एक माह पहले शराबी अधीक्षक जो लहगडूआ बालक छात्रावास में मटन पार्टी करते हुए जिनका वीडियो वायरल हुआ था उन्हें खुद ही सहायक आयुक्त ने शराबी अधीक्षक जो छात्रावास में मटन पार्टी करता हुआ जिनका वीडियो वायरल हुआ था उन्हें खुद ही सहायक आयुक्त सतेंद्र मयरकाम ने निलंबित किया था, और उनके निलंबन अवधि में उन्हें तामिया ब्लॉक में पदस्थ किया गया था लेकिन लगता है कि छिंदवाड़ा जिले के जनजाति विभाग में कोई नियम कानून नहीं चलते, पहले खुद ही निलंबित करते है उसके बाद खुद ही जांच करवाते हैं और बाद में खुद ही बहाल कर दो ऐसा काम चलता है जनजाति विभाग छिंदवाड़ा या कहो सब लक्ष्मी का खेल है..!
लहगडूआ बालक छात्रावास में दर्जनों शिकायत थी इस अधीक्षक की….
प्राथमिक शिक्षक अनिल सोलंकी की लहगडूआ बालक छात्रावास में रहते ग्रामीणों ने इनकी दर्जनों शिकायत कि थी, उसके बाद भी सहायक आयुक्त ने कोई जाँच नहीं कियें थे, वह तो सोशल मीडिया में शराब एवं मटन पार्टी करते हुए इनका वीडियो वायरल होने के बाद ही सहायक आयुक्त ने इन पर निलंबन की कार्यवाही किए थे लेकिन लगता है सहायक आयुक्त इन पर इतनी मेहरबान है कि एक ही महीने में इनकी जाँच भी हो गई और इनका निलंबन अवधि भी समाप्त कर इन्हे सोनपुर बालक छात्रावास का अधीक्षक बना दिया गया….
छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही से सोनपुर बालक छात्रावास में पहले भी एक बच्चे की हो चुकी है पहले भी मौत…?
छिंदवाड़ा जिले में जनजाति कर विभाग के सहायक आयुक्त की उदासीनता के कारण जिले के आश्रम शाला एवं छात्रावासों में दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं उसके बाद भी लगता है सहायक आयुक्त की आंख नहीं खुल रही है इसलिए तो जहां पहले से ही जी छात्रावास में एक आदिवासी बालक की छात्रावास अधीक्षक की लापरवाही से एक मौत हो चुकी है उसके बाद भी एक शराबी अधीक्षक जो कभी भी मुख्यालय में नहीं रहता और चौरई से आना-जाना करता है उसको बालक आश्रम सोनपुर का अधीक्षक बना दिया गया है, इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा की जनजाति कर विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा टका शेर भाजी टका शेर खा जा वाली कहानी चल रही है,…

