शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने का निर्णय

Chautha Sthambh

भोपाल (चौथा स्तंभ)शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने का निर्णय
सतत् विकास लक्ष्य एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन
5 जिला चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या में उन्नयन एवं 810 नए पद सृजित करने की स्वीकृति
निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। खरीफ 2025 सीजन की ड्यू डेट 28 मार्च, 2026 और रबी 2025-26 सीजन की ड्यू डेट 15 जून 2026 नियत की गयी है।

  योजनान्तर्गत खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित तिथि (ड्यू डेट) तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) द्वारा 3 लाख रूपये तक के दिये गये अल्पावधि फसल ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा। राज्य शासन द्वारा सभी किसानों के लिए 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान और निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा। वर्तमान वर्ष में 23 हजार करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया हैं।

एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए “एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना” को आगामी 5 वर्षों (वर्ष 2025-30 तक) के लिए स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।

   योजना अंतर्गत सतत् विकास के लक्ष्यों का राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों के सतत् विकास लक्ष्यों और उनके संकेतक के आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से रैंकिंग तय की जायेगी। डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग अनुसार दो शीर्ष प्रदर्शन किये जाने वाले जिलों को पुरस्कार राशि का वितरण किया जाएगा।

   प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 1 करोड़ रुपए और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 75 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का वार्षिक प्रावधान किया जाएगा। चयनित जिला अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य में सुधार के लिए पुरस्कार राशि का उपयोग कर सकता है। प्रदेश के ऐसे जिले जिनका रैंकिंग में प्रदर्शन कमजोर स्तर का होगा, उन्हें प्रदेश में चल रही कल्याणकारी योजनाओं की सहायता से विकास की मुख्य धारा में सम्मिलित किया जायेगा, जो प्रदेश के समग्र विकास में सहायक होगा। योजना पर 19 करोड़ 10 लाख रूपये (3 करोड़ 82 लाख प्रतिवर्ष) का अनुमानित व्यय होगा।

   उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत सतत् विकास लक्ष्य, जिन्हें वैश्विक लक्ष्य भी कहा जाता है, वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक के 17 अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को तय किया गया है। सतत् विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार किया गया "विकसित मध्यप्रदेश@ 2047 दृष्टिपत्र" राज्य के दीर्घकालिक विकास की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करता है। "एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना विकसित मध्यप्रदेश और विकसित भारत के निर्माण के आधार में सहायक होगी।

निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय– मंत्रि-परिषद द्वारा निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाईडलाईन अनुसार शत-प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य शासन को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। निर्णय अनुसार पुनर्घनत्वीकरण नीति 2022 की कंडिका 10.11 में संशोधन कर ऑफसेट मूल्य के निर्धारण में बदलाव की स्वीकृति दी गई। पहले 60% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होता था, अब 100% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होगा। इससे विकास कार्यों के लिये अधिक राशि उपलब्ध होगी।

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