किडनी फेलियर से छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत
परासिया तहसील के उमरेड के मोरडोंगरी के दो बच्चे गंभीर दोनों को नागपुर में भर्ती करवाया गया ।
अज्ञात बीमारी ने कोयलांचल के अलावा अब छिंदवाड़ा में भी दस्तक दी
छिदंवाडा (चौथा स्तंभ)छिंदवाड़ा जिले में इस समय एक रहस्यमय बीमारी पैर पसार रही है इस बीमारी का कारण समझ में ना आने के कारण जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली से भी टीम बुलाई गई है। लेकिन अभी तक उनकी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है इस बीमारी से मासूम बच्चे शिकार हो रहे हैं अभी तक इस बीमारी से 9बच्चों की मौत हो चुकी है और सभी बच्चों में एक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं । पहले हल्का बुखार आता है और बाद में उनकी यूरिन पास होना बंद हो जाती है और बच्चों की किडनी फेल हो जाती है।
जिसके कारण बच्चों की मौतें हो रही हैं । अभी तक प्रशासन की तमाम कोशिशें के बावजूद भी इस बीमारी से संबंधित कोई भी कारण समझ में नहीं आ रहा है । अब तक की जांच में बच्चों की किडनी फेल होने की बात सामने आई है। लेकिन उसकी भी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग नहीं कर पा रहा है।
इस गंभीर समस्या को लेकर स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हुआ और भोपाल और दिल्ली से भी जांच टीम छिंदवाड़ा पहुंची है लेकिन एक हफ्ते बाद भी जांच टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है हालांकि जिन बच्चों की मौत नागपुर में हुई वहां से भी जांच रिपोर्ट पुणे भेजी गई है जिसमें भी किसी खास नतीजे पर चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं।
इस बीच कलेक्टर ने संभावनाओं के तौर पर दो कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि प्रारंभिक तौर पर छिंदवाड़ा की मेडिकल टीम ने एक संभावना जाहिर की थी कि शायद हो सकता है यह कफ सायरप इस बीमारी का कारण हो सकते हैं है । प्रशासन द्वारा इसके लिए एक पांच सदस्य टीम बनाई गई है जो इस मामले को मॉनिटर कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीमारी के डर से अब बच्चों के माता-पिता हल्का सा बुखार आने पर भी सीधे बच्चों को नागपुर लेकर जा रहे हैं जिसके कारण नागपुर में बड़ी संख्या में छिंदवाड़ा के बच्चे एडमिट है।
अभी तक परासिया से 16 बच्चे छिंदवाड़ा रेफर हुए थे जिनमें से पांच बच्चे डिस्चार्ज हो चुके हैं और 10 बच्चों को नागपुर रेफर कर दिया गया है एवं एक बच्चा अभी जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में इलाज रत है ।

