जनजातीय भाषाई विरासत चिरस्थाई बनाने “आदि वाणी”

Chautha Sthambh

प्रधानमंत्री श्री मोदी का जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने माना आभार..

भोपाल( चौथा स्तंभ)
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने जनजातीय भाषाओं, बोलियों और संस्कृति के संरक्षण की जनजातीय भाषा अनुवाद टूल “आदि वाणी” विकसित करने की अभूतपूर्व पहल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने जनजातीय गौरव वर्ष के चलते सोमवार का नई दिल्ली में “आदि वाणी” का बीटा वर्जन जारी किया। केन्द्रीय जनजातीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके की अध्यक्षता में “आदि वाणी” का शुभारंभ हुआ।

क्या है “आदि वाणी”

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  • “आदि वाणी” AI आधारित अनुवाद उपकरण है। यह जनजातीय समुदायों को जोड़ने और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की पहल है, जो भाषाओं के डिजिटलीकरण में सहायता करेगी। मूल भाषाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शासन तक पहुँच बनाने में मददगार होगी, जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देगी और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान के स्रोत साबित होगी।

    “आदि वाणी” को IIT दिल्ली के नेतृत्व में BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नवा रायपुर, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मेघालय के जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से विकसित किया गया है।

    आदि वाणी – AI उपकरण वेब पोर्टल (https://adivaani.tribal.gov.in) पर उपलब्ध है और ऐप का बीटा संस्करण जल्द ही प्ले स्टोर और iOS पर उपलब्ध होगा। बीटा लॉन्च चरण में, यह संथाली (ओडिशा), भीली (मध्यप्रदेश), मुंडारी (झारखंड) और गोंडी (छत्तीसगढ़) को सपोर्ट करता है।

    प्रमुख विशेषताएँ

    हिंदी, अंग्रेज़ी और जनजातीय भाषाओं के बीच तत्काल टेक्स्ट और स्पीच अनुवाद।

    छात्रों और प्रारंभिक शिक्षार्थियों के लिए इंटरएक्टिव भाषा सीखने के मॉड्यूल्स।

    लोककथाओं, मौखिक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों का डिजिटलीकरण।

    स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और प्रधानमंत्री के भाषणों सहित सरकारी संदेशों के सबटाइटल जनजातीय भाषाओं में।

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