परमिट खत्म, ट्रक चालू — खरगौन से सिवनी तक आबकारी विभाग की नाकामी का सफर…
शराब से भरा ट्रक 700 कि.मी पार कर सिवनी में जप्त..
करीब 9 हजार 576 लीटर अंग्रेजी शराब, कीमत करीब 90 लाख रुपये..
चौथा स्तंभ (सिवनी)
मध्यप्रदेश में आबकारी विभाग की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा और सिस्टम दोनों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। खरगौन से निकला शराब से भरा ट्रक, आधा दर्जन जिलों को पार करते हुए सिवनी तक पहुँच गया… और तब पकड़ा गया जब मीडिया के कुछ साथी ने इसका पीछा किया। हैरानी की बात ये है कि ट्रक का परमिट 4 सितंबर को ही खत्म हो चुका था। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी के बावजूद आबकारी विभाग और खुफिया तंत्र क्या कर रहे थे?

सिवनी जिले के लखनवाड़ा थाना क्षेत्र के पीपरडाही गांव में शनिवार रात 10 बजे शराब से भरा ट्रक पकड़ा गया।
मीडिया साथी ने लगातार पीछा करते रहे और आखिरकार पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एडिशनल एसपी दीपक मिश्रा, सीएसपी पूजा पांडे, टीआई सहित पूरा अमला मौके पर पहुँचा और ट्रक को थाने ले आया।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि खरगौन से करीब 700 किलोमीटर दूर सिवनी तक यह ट्रक आखिर कैसे पहुंच गया?
परमिट 4 सितंबर को ही समाप्त हो चुका था, उसके बावजूद ट्रक न केवल चला, बल्कि आधा दर्जन जिलों से गुजरता हुआ सिवनी आ पहुँचा।

और हैरानी की बात ये भी है कि मौके पर पुलिस तो पहुँच गई, लेकिन रात 2 बजे तक इंतजार करने के बावजूद आबकारी विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुँचा।
सवाल
- परमिट खत्म होने के बाद भी आबकारी विभाग ने ट्रक को क्यों नहीं रोका?
- क्या पूरे रास्ते चेकिंग प्वाइंट्स सिर्फ दिखावे के लिए हैं?
- अगर इस ट्रक में शराब नहीं, बल्कि आरडीएक्स या विस्फोटक होता, तो क्या मध्यप्रदेश का खुफिया तंत्र फिर भी सोया रहता?
- आबकारी विभाग की चुप्पी आखिर क्या छुपा रही है?

मीडिया साथी ने इस ट्रक का पर्दाफाश किया, लेकिन अब यह मामला सिर्फ अवैध शराब तक सीमित नहीं है। यह प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या इस पर सरकार और विभाग जिम्मेदारी लेंगे या हमेशा की तरह मामला दबा दिया जाएगा? जवाब का इंतजार रहेगा।
दीपक मिश्रा – अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिवनी
आबकारी विभाग का इसमें बडा खेल है, इसमें जरूर कोई नेता का हाथ होगा