गुरैया सब्जी मंडी में अवैध वसूली करा रही मंडी निरीक्षक को सचिव ने हटाया…?
शासन को लगा रहे थे लाखों का फटका…
गुरैया सब्जी मंडी पर व्यापारियों से 20 हजार रुपए से ज्यादा की रोज हो रही थी अवैध वसूली,
मंडी को रोजाना 30 हजार रूपए से ज्यादा का राजस्व का नुकसान…
छिंदवाड़ा (चौथा स्तंभ) शहर की सबसे बड़ी गुरैया सब्जी मंडी में वसूली कर घूसखोरी अपने चरम है। मंडी के तीनों गेट पर बिना वसुली के किसी को आने-जाने नहीं दिया जाता है। तीनों गेट पर मंडी के कर्मचारी किसानों और व्यापारियो से खड़े होकर रोज वसूली करते है। यह पैसा मंडी टैक्स के अलावा लिया जाता है। मंडी प्रशासन के अफसरों की नाक के नीचे हो रही वसूली की अनदेखी की जा रही है। हमारी टीम ने मामले का स्टिंग कर खुलासा किया है।

गुरैया सब्जी मंडी में खरीदी-बिक्री करने वाले को नियमानुसार डेढ़ प्रतिशत मंडी टैक्स चुकाना पड़ता है। लेकिन
यंहा पर पैसे लेकर कोई रसीद नही दी जाती है। मेन गेट (चेकिंग नाका) पर भी बिना रसीद के प्राईवेट लडके वसूली करते नजर आते है जो बिना रसीद के पैसे लेते है और बाहर गाडि़यां निकाल देते है।
सब्जी मंडी निरीक्षक का अपना अलग टैक्स…?
गुरैया सब्जी मंडी में पदस्थ महिला निरीक्षक का लगती थी अपना अलग से टैक्स जिसके लिए बाकायदा प्राइवेट लड़कों के द्वारा वसूली की जाती थी, लेकिन लगभग एक साल से रोकने वाला कोई नहीं था…
मंडी गेट पर रहता है वसूलीबाजों का झुंड…
कर्मचारी सुबह 9 बजे से लगाकर 1 बजे तक तीनो गेट पर झुंड लगाकर , चार पहिया, इलेक्ट्रिक रिक्शा और ट्रक से वसूली में लगे रहते हैं। जो लोग कर्मचारियों को पैसा नहीं देते है या फिर कम देते हैं, उन्हें मंडी में प्रवेश नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों की तानाशाही खुलेआम हो रही है लेकिन मंडी प्रशासन इस पर मौन है। अफसरों की खुली छुट या कहा जाए कि मिलीभगत के चलते इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

स्टिंग 1,2 और 3
गेट नंबर 1
इस गेट से एंट्री होती है। यहां टेबल पर कर्मचारी बैठे थे। दो गार्ड को कर्मचारियों ने वसूली के लिए खड़ा कर रखा था। जो भी गाड़ी अंदर आ रही थी उनसे पांच से बीस रुपए लिए जा रहे थे, जिसकी कोई रसीद नहीं दी जा रही थी। पैसे को गार्ड कर्मचारी की टेबल पर रख रहा था। इसी गेट से जो व्यापारी सब्जियां लेकर बाहर जा रहे थे, उनसे भी 10 रुपए से लेकर 100 रुपए की वसूली हो रही थी।
गेट नंबर 2
इस गेट पर 1 नंबर गेट से भी ज्यादा आवाजाही हो रही थी। यह गेट व्यापारियों के बाहर जाने के लिए है लेकिन वसूली के चक्कर में यहां से भी गाडि़यां अंदर आने दी जा रही थी। एक कर्मचारी बिना रसीद दो पहिया और अन्य वाहनों को रोक-रोक कर माल के हिसाब से 10 से लेकर 100 रुपए तक ले रहा था।

चेकिंग नाका…
सबसे ज्यादा घूसखोरी यहीं पर हो रही थी। इस गेट पर पांच से अधिक कर्मचारी तैनात रहते हैं। यहां पर टैक्स की रसीद भी नही दी जा रही थी और बिना रसीद के 10 रुपए से 100 रुपए तक माल के हिसाब से वसूला जा रहा था। यहां पर कर्मचारी व्यापारियों से कड़ा रूख अपनाकर पैसा ले रहे थे।

कर्मचारी ने सब्जी से भरी रिक्शा रोकी..
- कर्मचारी : पचास रुपए दें
- व्यापारी : यह ले लो दस रुपए
- कर्मचारी : नहीं रिक्शा में माल ज्यादा है। नहीं तो मत लाना रिक्शा फिर कभी।
- व्यापारी : ये चालीस रुपए ले लो।
(कर्मचारी ने चालीस रूपए लेकर रिक्शा जाने दी)
शासन को हर माह 8 से 9 लाख का फटका….
कर्मचारियों की रिश्वतखोरी के कारण राज्य शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। मंडी के व्यापारियों के मुताबिक मिलीभगत करके कर्मचारी निर्धारित से कम रकम की रसीद बना देते हैं। ऊपर का पैसा अपनी जेब में रख लेते हैं। व्यापारियों के मुताबिक रोज करीब 300- 400 से ज्यादा वाहनों की आवाजाही होती है जिससे कि रोज 30 /40 हजार रुपए की कुल वसूली की जाती है। कर्मचारियों की मनमानी इस हद तक है कि ये टैक्स के नाम पर पैसा ले लेते है, लेकिन रसीद नहीं देते है। लाखों रुपए का व्यापार रोजाना मंडी में होता है। कर्मचारियों की मनमानी की वजह से करीब 40 हजार रुपए का रोज राजस्व का नुकसान सरकार को उठाना पड़ रहा है। वहीं हिसाब माह में लगाया जाए तो यह रकम 8 से 9 लाख रुपए प्रतिमाह तक बैठ जाती है।
हर गाड़ी से सबकी वसूली तय..

चौथा स्तंभ समाचार की खबर का असर…
छिदंवाडा जिलें की सबसे बडी गुरैया सब्जी मंडी में चल रही अवैध वसूली की खबर हमारे द्वारा प्रमुखता से दिखाई गई थी, और मंडी सचिव ने कहा था कि
अगर गुरैया सब्जी मंडी के गेट पर कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है तो यह गलत है। आपके स्टिंग को देखने के बाद जांच करवाई जाएगी। यदि ऐसा हो रहा है तो दोषियों को निश्चित ही बख्शा नहीं जाएगा। जाँच के बाद कृषि उपज मंडी सचिव छिंदवाड़ा ने बडी कार्रवाई करते हुए लगभग एक साल से गुरैया सब्जी मंडी में पदस्थ महिला निरीक्षक को तत्काल यंहा से हटा दिया और उन्हें कृषि उपज मंडी में पदस्थ कर दिया गया है उनकी जगह दुसरे मंडी निरीक्षक की नियुक्ति की गई है,यदि भबिष्य में कोई भी ऐसा करता है तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी
कृषि उपज मंडी सचिव छिंदवाड़ा